अखबार दूरदर्शन ने बताया
याज्ञिकों ने घोषित किया
पृथ्वी का अंत करीब है
ब्रह्मांड में संघर्षण अग्नि-संचरण
हवा के आवेग प्रचंड प्रवाह में
झलकेंगे असंख्य उल्का पिंड
लोग घबराए से कर रहे बात
उलझन में बीत रहा दिन बीत रही रात
फिर मृत्यु :
साँस का अंतिम दर्द
क्षण में तमाम घटनाएँ सोच गए लोग
मन में समेट लिए व्यर्थ का रोग